जल परी के गहने (very short story in hindi):
जल परियों से जुड़ी कहानियां (very short story in hindi) पढ़ने में हमेशा रोमांचक होती है | हालाँकि हम जानते हैं, जल परियाँ काल्पनिक होती है, लेकिन फिर भी ये दुनिया रहस्यमई है | जैसे हवाई जहाज़ के बनने के पहले उसे भी काल्पनिक माना जाता था | कहने का आशय यह है कि, यहाँ सब कुछ मौजूद है, जो कि हमारे आस पास चल रहा है | ऐसी ही एक रोमांचक कहानी ( mermaid kahani ), जल परी के गहने ( jalpari ke gahne ) है | एक बहुत ही ख़ूबसूरत नदी थी और उसी नदी के किनारे एक गाँव था | वहाँ एक शीला नाम की लड़की रहती थी | शीला की उम्र शादी के लायक हो चुकी थी, लेकिन उसकी बदसूरती की वजह से, उससे कोई अच्छा लड़का, शादी करने को तैयार ही नहीं था | शीला मन ही मन टूट चुकी थी क्योंकि, उसके साथ की सभी सहेलियाँ, माँ बन चुकी थी और यह अभी तक दूसरों के बच्चों को ही गोद में खिलाकर, अपना मन भर रही थी | शीला को आस पड़ोस के लोग, ताना मारा करते थे, लेकिन शीला के माता पिता, उससे बहुत प्यार करते थे | उन्हें अपनी बच्ची की बहुत चिंता थी, इसलिए वह अपनी बच्ची की शादी के लिए, गहने ख़रीदने बाज़ार जाते हैं | हालाँकि इनके आर्थिक हालात कोई ख़ास नहीं हैं, लेकिन ज़िंदगी भर थोड़े थोड़े पैसे जमा करके, उन्होंने अपनी बेटी की शादी करने की व्यवस्था बनायी है | वह शादी के पहले, गहने इसलिए ख़रीदना चाहते हैं, ताकि बाद में उन्हें परेशानी न झेलनी पड़े | दोनों बाज़ार पहुँच कर, अपनी बेटी के लिए, अपनी क्षमता के अनुसार, गहने ख़रीद लेते हैं | उन्हें शीला के लिए, कुछ कपड़े भी लेने होते हैं, इसलिए वह कपड़ों की दुकान पर पहुँचकर कुछ साड़ियां ख़रीद लेते हैं | दोनों बहुत ख़ुश थे | वह जल्दी से अपने घर पहुंचकर, शीला को गहने और कपड़े दिखाना चाहते थे | रास्ते से दोनों लौट ही रहे होते हैं कि, अचानक उनके हाथ से गहनों वाला बैग, एक व्यक्ति छुड़ाकर भाग जाता है |
शीला के माता पिता गहनों को बचाने का बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन वह गहने नहीं बचा सके | गहने चोरी हो जाने से, दोनों दुखी हो जाते हैं | उन्हें अब अपनी बेटी की शादी के सारे सपने टूटते हुए नज़र आने लगते हैं | दोनों सोचते हैं कि, अब इस जीवन में क्या करेंगे | हम अपनी बेटी की शादी तक नहीं कर सके और दोनों आत्महत्या करने का फ़ैसला कर लेते हैं | वही से थोड़ा दूर एक नदी के घाट पर दोनों पहुँच जाते हैं और पानी में छलांग लगाने के लिए, पहाड़ी की ऊँचाई पर जाने लगते हैं | अचानक उन्हें एक लकड़ी का बॉक्स पानी में तैरता हुआ नज़र आता है | बॉक्स बहुत ही ख़ूबसूरत दिख रहा था | दोनों लकड़ी की सहायता से, बॉक्स को नदी के किनारे ले आते हैं और जैसे ही बॉक्स को खोलकर देखते हैं तो, उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है, क्योंकि बॉक्स में एक से एक ख़ूबसूरत गहने दिखाई दे रहे थे | दोनों एक दूसरे के चेहरे को देखते हैं और बॉक्स को जल्दी से लेकर, अपने घर की ओर निकल लेते हैं | गहने मिलते ही, दोनों ने अपना मरने का विचार बदल दिया था | वह घर पहुँचते ही, अपनी बेटी को गहने दिखाते हैं | शीला बहुत ख़ुश हो जाती है और उन्हीं गहनों में से जैसे ही, वह एक ख़ूबसूरत सा हार अपने गले में पहनती है | अचानक शीला एक परी की तरह ख़ूबसूरत दिखाई देने लगती है | पूरे कमरे में उसके चेहरे की चमक से, रोशनी फैल जाती है | ऐसा लग रहा था मानो, कोई अप्सरा स्वर्ग से उतरकर आई हो | शीला अपने आप को आईने में देखती है, तो दंग रह जाती है | उसे समझ ही नहीं आता कि, वह इतनी सुंदर कैसे हो गई | वह ख़ुशी से झूम उठती है और अपने माता पिता के गले लग जाती है | यहाँ शीला अपनी ख़ूबसूरती से ख़ुश हो रही होती है और समुद्री दुनिया के अंदर, गहनों के खो जाने से हलचल मच चुकी होती है | दरअसल उस लकड़ी के बॉक्स में जल परी के गहने ( jalpari ke gahne ) थे | गलती से वह समुद्री सतह के ऊपर आ गए थे | उन गहनों में जलपरी का एक ख़ानदानी हार भी था, जिसमें जादुई शक्तियाँ विद्यमान् हैं |
वह हार जल परी को, सभी जीवों की रानी बनने का, दर्जा प्रदान करता था, इसलिए वह हार जलपरी के लिए, बहुत ज़रूरी है | जलपरी का हार, किसी भी इंसानी शरीर के संपर्क में आया तो, जल परी को तुरंत उसकी लोकेशन पता चल गई और वह ग़ुस्से में आ गई | अब उसे किसी भी क़ीमत पर, अपने गहने चाहिए थे, लेकिन समुद्री दुनियाँ से बाहर जाने में, जलपरी को ख़तरा महसूस हो रहा था, इसलिए वह एक चूड़ी बेचने वाली का रुप बना कर, शीला के घर जाती है | यहाँ शीला की ख़ूबसूरती की वजह से, उसके घर में रिश्तों की लाइन लगी होती है | दरअसल जो भी शीला को देख रहा था, वह उसकी ख़ूबसूरती पर मोहित हो रहा था | उसके जैसी ख़ूबसूरत लड़की पूरे शहर में नहीं थी और यह जलपरी के हार का ही कमाल था, जो एक बदसूरत लड़की, परियों की तरह दिखने लगी थी | शीला की शादी एक बहुत ही उच्च घराने में, योग्य लड़के के साथ तय हो जाती है | दोनों एक दूसरे के हाथ में, अंगूठी पहना ही रहे होते हैं कि, उसी बीच जल परी उनके दरवाज़े में पहुंचकर आवाज़ लगाती है, “चूड़ी ले लो, चूड़ी” | शीला के घर में मेहमान आए हुए थे, इसलिए चूड़ी वाली पर कोई ध्यान नहीं देता | तभी वह ज़ोर से आवाज़ लगाते हुए कहती है, “सगुन की चूड़ी ले लो” और शादी के शुभअवसर में, सगुन की चूड़ियों का नाम सुनते ही, शीला चूड़ी वाली को रोकने को कहती है और जैसे ही शीला, जल परी के सामने पहुँचती है, जल परी उसके गले में हार देखते ही पहचान जाती है कि, वह उसी का ख़ानदानी हार है | जल परी चालाकी से वह हार देखने के बहाने, शीला से माँगती हैं | शीला को यह बात पता ही नहीं थी, कि उसकी ख़ूबसूरती की वजह हार है | शीला बहुत भोली भाली लड़की होती है | वह हार निकाल कर, जल परी के हाथों में दे देती है | जैसे ही शीला हार निकाल कर देती है | अचानक वह बदसूरत लड़की में बदल जाती है | उसका कुरूप चेहरा देख, जल परी को दुख होता है |
जल परी ने उसके अंदर की ख़ुशी महसूस की थी, लेकिन जल परी की मजबूरी है कि, वह हार शीला से उसे लेना ही होगा, वरना वह कभी भी समुद्री दुनिया में महारानी नहीं बन पाएगी | शीला को पता नहीं होता कि, हार निकालने के बाद वह बदसूरत हो चुकी है, तभी जलपरी उसे उस हार की तरह, दिखने वाला एक नक़ली हार दे देती है | शीला ख़ुशी ख़ुशी उस हार को पहन लेती हैं | लेकिन शीला की ख़ूबसूरती वापस नहीं आती | शीला के चेहरे को देख कर, आए हुए रिश्तेदार रिश्ता तोड़ देते हैं | शीला को, रिश्तेदारों की नाराज़गी की वजह, अभी तक समझ में नहीं आयी थी, लेकिन जैसे ही वह आइने के सामने दोबारा आती है, तो उसे समझ में आ जाता है कि, उसकी शादी का रिश्ता क्यों टूट गया | जल परी हार के साथ साथ, शीला की ख़ूबसूरती भी लेकर जा चुकी थी | शीला यहाँ अपनी बदसूरती को कोस रही होती है, लेकिन शादी टूटने का गम शीला से ज़्यादा, उसके माता पिता को होता है | सभी रिस्तेदारो के सामने, उनकी इज्ज़त उतर जाती है और वह अपने आपको हारा हुआ, महसूस करने लगते हैं | जब सभी रिश्तेदार चले जाते हैं, तो शीला बिना कुछ खाए पिए ही, रोते रोते अपने कमरे में सो जाती है | अगले दिन शीला जैसे ही सुबह उठती है, वह फिर से ख़ूबसूरत परी की तरह दिखाई देने लगती है |
शीला के माता पिता शीला को सुबह देखते ही फिर से ख़ुश होने लगते हैं और शीला को बताते हैं कि, तुम एक परी की तरह दिखने लगी हो | शीला के पिता सोचते हैं, यह कैसे हुआ | दरअसल जब जलपरी शीला के पास आई थी, उस वक़्त वह उसके कुरूप चेहरे को देख दुखी हुईं थी और जलपरी के आंसू, शीला के हाथ में गिर गये थे | इससे शीला के हार्मोन बदल जाते हैं | अब शीला को खूबसूरत दिखने के लिए, जल परी के गहने ( jalpari ke gahne ) की ज़रूरत नहीं थी | वह भी एक परी बन चुकी थी | जलपरी ने अनजाने में ही सही, लेकिन शीला को ज़िंदगी का सबसे अनमोल तोहफ़ा दे दिया था |