जलपरी का बच्चा (Short story):
Mermaid Short story का अलग अंदाज़ होता है लेकिन कुछ कहानियों की बात ही अनोखी होती है ऐसी ही कहानी है जलपरी का बच्चा | समुद्र के एक कोने में जल परियों की दुनिया बसी थी | वही से थोड़ी दूर बंदरगाह था, जहां कीमती सामान रखने के लिए गोदाम बनाया गया था | समुद्र के ऊपर से रोज़ाना माल लेकर, जहाज़ गुजरा करते थे, लेकिन कई बार समुद्री लुटेरे क़ीमती सामान, लूट लिया करते थे | एक बार, सरकारी सोने से लदा हुआ एक जहाज़, समुद्र के ऊपर से गुज़र रहा होता है, उसी वक़्त एक jalpari ka baccha (जलपरी का बच्चा) जहाज़ के नीचे लगे ब्लेड में फँस जाता है और जहाज़ के साथ तैरने लगता है, सोने से लदे जहाज़ पर, जब समुद्री लुटेरों की नज़र पड़ती है, तो वह उस पर हमला कर देते हैं |
समुद्री लुटेरे ख़ूंख़ार हत्यारे होते हैं, इसीलिए वह कुछ घंटों के ख़ूनी संघर्ष के बाद जहाज़ पर, अपना क़ब्ज़ा कर लेते हैं | वह जहाज़ को लेकर अपने खुफिया टापू पर चले जाते हैं | टापू पर पहुँचते ही, समुद्री लुटेरे जहाज़ से सोने के डब्बे उतारने लगते हैं | तभी अचानक एक लुटेरे की नज़र, जहाज़ के नीचे फँसे बच्चे पर पड़ती है और वह बच्चे को देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है, क्योंकि यह बच्चा तो पानी के अंदर भी साँस ले रहा होता है | दरअसल समुद्री लुटेरे को पता ही नहीं है, कि यह jalpari ka baccha (जलपरी का बच्चा) है | वह भागकर बच्चे को ब्लेड से बाहर निकालता है और गोद में उठा लेता है | बच्चे को सभी साथियों के बीच में ले जाकर दिखाता है और कहता है, देखो यह हमारे लिए “लकी बच्चा” है क्योंकि इसके आते ही हमारे हाथ सोने से भरा हुआ जहाज़ लगा है और ताज्जुब की बात तो यह है कि, यह बच्चा तो पानी के अंदर भी साथ ले सकता है | यह तो दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री लुटेरा बन सकता है | जलपरी का बच्चा अभी छोटा होता है और वह समुद्री लुटेरों को ही अपना परिवार समझने लगता है | धीरे धीरे jalpari ka baccha बड़ा होने लगता है और समुद्री लुटेरे भी उसे अपना बच्चा ही समझते हैं | सभी उसके साथ बच्चे की तरह खेलते हैं, लेकिन अब बच्चा बड़ा हो चुका था और इसे भी समुद्री लुटेरों की तरह आगे ज़िम्मेदारी संभालने थी | आज पहला दिन है जब jalpari ka baccha समुद्री लुटेरों के साथ जाकर जहाज़ लूटने वाला है |
वह बहुत ख़ुश है, वह जल्दी से तैयार होकर समुद्री लुटेरों के समूह में शामिल हो जाता है और उनका जहाज़ चल पड़ता है, लूट को अंजाम देने के लिए | थोड़ी ही दूर पहुँचने के बाद, एक बहुत बड़ा जहाज़ दिखाई देता है और समुद्री लुटेरे हमले के लिए तैयार हो जाते हैं | जैसे ही जहाज़ नज़दीक आता है, समुद्री लुटेरे गोलियाँ चलाना शुरू कर देते हैं लेकिन जहाज़ के अंदर, पहले से नौ सेना के जवान सुरक्षा के लिए तैनात होते हैं और वह भी समुद्री लुटेरों पर गोलियों की बौछार कर देते हैं | नौसेना की जवाबी कार्यवाही के कारण समुद्री लुटेरों को पीछे हटना पड़ता है | नौसेना के हमले की वजह से जलपरी का बच्चा घायल हो जाता है और उसके घायल होते ही उसे गिरफ़्तार कर लिया जाता है | समुद्री लुटेरे, बच्चे को बचाने का बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन नौसेना के हथियारों के सामने कुछ नहीं कर पाते | नौसैनिक, जलपरी के बच्चे को, रस्सियों से बाँधकर जहाज़ से नीचे लटका देते हैं, ताकि उसे लटका देख जहाज़ पर समुद्री लुटेरे हमला ना करें | इसी दौरान एक जलपरी की नज़र, जहाज़ से लटके हुए लड़के पर पड़ती है, इत्तेफ़ाक से यह उसकी माँ होती है वह उसे देखते ही पहचान लेती है यह उसका बेटा है, जो बचपन में खो गया था | जलपरी अपने बच्चे को परेशानी में देख क्रोधित हो जाती है | वह उसे छुड़ाने का मन बना लेती है, लेकिन इतने बड़े जहाज से अकेले लड़ना आसान नहीं था इसलिए जलपरी अपनी सहेलियों को मदद के लिए बुलाती है |
सारी जलपरियां आते ही, नोसेना के जहाज पर आक्रमण कर देती हैं और देखते ही देखते ही नौसेना का जहाज़, समुद्री लहरों के भँवर के बीच, घूमने लगता है | नौसेना के अधिकारी जलपारियों के अचानक हमले से घबरा जाते हैं, वह अपनी जान बचाकर भागने लगते हैं | इसी बीच एक जलपरी लटके हुए लड़के को आज़ाद कर देती है | वह लड़का जैसे ही जलपरी के संपर्क में आता है, तो जल परी को समझ में आ जाता है कि यह उन्हीं की प्रजाति का प्राणी है वह अपने बच्चे को गले से लगा लेती है लेकिन बच्चे को कुछ याद नहीं आता | वह जलपरियों को देखकर डर जाता है वह समुद्री लुटेरों के पास जाना चाहता है, क्योंकि वह उन्हें ही अपना परिवार समझता है जल परी के बहुत समझाने के बावजूद भी उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता और वह तेज़ी से तैरते हुए समुद्री लुटेरों के टापू तक पहुँच जाता है और यहाँ जल परियाँ अपने बच्चे से बिछड़ कर दुखी हो रही होती है और इसी के साथ ये कहानी समाप्त हो जाती है |