मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box):
हमारी दुनियाँ अनगिनत रहस्यों से भरी है, इसलिए इसे मिस्ट्री वर्ल्ड कहा जाता है| ऐसी ही एक खूबसूरत जलपरी कहानी (beautiful mermaid story), मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) है, जिसने एक सीधे साधे लड़के का जीवन बदल दिया| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) से पर्दा उठाने के लिए, हमें गौरव के बारे में जानना होगा| गौरव समुद्र के किनारे बसे एक साधारण से गाँव का लड़का था| गौरव का कोई दोस्त नहीं था| उसे बचपन से ही अकेला रहना पसंद था| गौरव बड़ा हो चुका था और ज़्यादातर समय समुद्र के किनारे मछलियाँ पकड़ने में ही बिताता था| एक दिन गौरव नाव में बैठकर, एक समुद्री टापू के पास पहुँच जाता है| इस जगह पर पानी की मात्रा कम थी, इसलिए समुद्र के अंदर मौजूद सभी चीज़ें साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी| अचानक गौरव को एक बॉक्स नज़र आता है| बॉक्स काफ़ी रहस्यमई लग रहा था| गौरव धीरे धीरे मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के पास पहुँच जाता है| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) आकार में भले ही बड़ा हो, लेकिन वजन में बहुत हल्का था| गौरव उसे उठाकर, अपनी नाव में रख लेता है| गौरव के मन में, मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) को लेकर एक डर था| कहीं यह कोई ख़तरनाक चीज़ न हों| गौरव मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) को एक कपड़े में छुपाकर, अपने घर ले आता है और बॉक्स को खोलने का प्रयास करने लगता है| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) बहुत मज़बूती से बना हुआ था| जिसे काट पाना असंभव था| इसमें ऐसी धातु का इस्तेमाल किया गया था, जो पृथ्वी पर मौजूद ही नहीं थी| तभी गौरव की नज़र, एक लीवर पर पड़ती है, जो बॉक्स के किनारे लगा हुआ था| जैसे ही गौरव लीवर को खींचता है| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर से रौशनी निकलती है और वह खुल जाता है|

उसमें एक नन्ही सी जलपरी निकलती है| जलपरी का आकार बहुत छोटा था| गौरव उसे अपनी हथेलियों में उठा लेता है| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) से बाहर आते ही, जल परी को साँस लेने में परेशानी होने लगती है| गौरव उसे तुरंत एक पानी के बर्तन में डाल देता है| जल परी पानी में जाते ही, तैरने लगती है| वह जल परी से पूछता है, “आप कौन हो”? नन्ही सी जलपरी मीठे स्वर में कहती है, “मैं जलपरी हूँ, मेरी माँ एक सामान्य मछली थी, जिसे एलियंस रिसर्च के लिए, अंतरिक्ष में ले गए हैं और उन्होंने मुझे इस बॉक्स के अंदर क़ैद कर दिया था| यह बॉक्स, एक माँ के गर्भ की तरह है, जहाँ कई सालों तक जीवित रहा जा सकता है| इसके अंदर मुझे ऊर्जा प्राप्त होती है| यह बॉक्स मेरे DNA से कनेक्टेड है और इसी ने मुझे ट्रांसफॉर्म करके, जल परी बनाया है, मैं तो एक साधारण सी मछली थी”| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के बारे में, इतनी सारी अनोखी बातें जानकर, गौरव को आश्चर्य होता है| गौरव ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था| उसे अंतरिक्ष की दुनिया का कोई अंदाज़ा नहीं था, इसलिए उसे जलपरी की बात गहराई से समझ में नहीं आती| गौरव जल परी से कहता है, “क्या आप मेरी दोस्त बनोगी”? जलपरी भी इस दुनिया में अकेली हो चुकी थी| उसे भी एक दोस्त की ज़रूरत थी और वैसे भी, वह गौरव के संरक्षण में थी, इसलिए वह गौरव की दोस्ती स्वीकार कर लेती है|

गौरव जलपरी से पूछता है, “आप क्या खाती हो”? जलपरी कहती है कि, “मुझे कुछ समय के लिए मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर जाना होगा, वहाँ मेरे शरीर के लिए दिनभर की ऊर्जा प्राप्त हो जाएगी”| गौरव को बाहर जाना होता है| वह जल परी से कहता है कि, “आप बर्तन के अंदर आराम से रहो| मैं बाज़ार से थोड़ा सामान ले आता हूँ”| जल परी को गौरव के ऊपर पूरा भरोसा हो चुका था, इसलिए वह निश्चिंत होकर पानी में तैरने लगती है और गौरव बाज़ार चला जाता है| कुछ घंटों के बाद, गौरव बाज़ार से लौटता है तो अचानक, वह देखता है कि, जल परी का आकार बर्तन के बराबर हो चुका है और वह पानी में छटपटा रही है| उसे ताज्जुब होता है, इतनी जल्दी इसका आकार बढ़ कैसे सकता है| गौरव तुरंत जल परी को उठाकर, एक बड़ी सी पानी की टंकी में डालता है| जल परी को छोटे से बर्तन में घबराहट महसूस होने लगी थी| गौरव जल परी के इतने जल्दी परिवर्तन से डर चुका था| वह जलपरी से कहता है कि, “आप इतनी जल्दी बड़ी कैसे हो गई”? जलपरी ने कहा, “मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर मेरा आकार नहीं बढ़ रहा था, लेकिन जैसे ही मैं बाहरी वातावरण के संपर्क में आयी तो, मेरा विकास शुरू हो गया”| गौरव जल परी की बात सुनकर संतुष्ट होता है| वह उसके बदलाव को प्राकृतिक समझने लगता है| गौरव बाज़ार में थक चुका था, इसलिए खाना खाकर सो जाता है| शाम होते ही गौरव की नींद खुलती है| वह उठकर जलपरी को देखता है तो उसके होश उड़ जाते हैं| जलपरी का आकार फिर से विशाल हो चुका होता है| गौरव के पास जल परी को रखने के लिए, इससे बड़ी जगह नहीं थी| वह समझ चुका था कि, अब जलपरी का वक़्त आ चुका है और उसे समुंदर में वापस जाना होगा| वह जलपरी से कहता है कि, “हमें जल्दी समुंदर जाना होगा, क्योंकि यहाँ तुम नहीं रह पाओगी”| जलपरी गौरव को मन ही मन पसंद करने लगी थी और वह उससे दूर नहीं जाना चाहती थी, लेकिन उसे छोटी सी जगह में घुटन हो रही थी, इसलिए मजबूरी में उसे समुद्र जाना होगा| गौरव के लिए, जल परी को, सबकी नज़र से बचाते हुए, समुद्र में ले जाना, एक चुनौतीपूर्ण कार्य था| गौरव जलपरी को ले जाने के लिए, रात का वक़्त चुनता है| जल परी पानी से बाहर, कुछ घंटे ही, जीवित रह सकती थी| गौरव को इसी कम समय के अंदर, जलपरी को पानी तक पहुँचाना होगा| गौरव किराये पर एक कार बुक करता है और रात 12 बजते ही, जल परी को पानी से निकाल कर, कार में बैठा लेता है और कार तेज़ी से चलाते हुए, समुद्र के किनारे पहुँच जाता है|

गौरव जल परी से जुदा होते वक़्त, काफ़ी दुखी था, लेकिन वह जल परी को एहसास नहीं होने देता कि, उसे भी जल परी से प्यार होने लगा है| पानी में जाते वक़्त, जलपरी के आँसू निकल आते हैं, जिसे देखकर गौरव भी भावुक हो जाता है और वह जल परी को गले से लगा लेता है| जल परी अपनी भावनाओं को क़ाबू में करके, समुद्र में छलांग लगा देती है और अगले ही पल, जलपरी गौरव की नज़रों से ओझल हो जाती है| गौरव कुछ देर समुद्र के किनारे, उदास बैठा रहता है और उसके बाद, वह अपने घर आ जाता है| घर आते ही, गौरव एक कोने में बैठ जाता है| उसका किसी काम में मन नहीं लगता| इसी तरह एक दो दिन गुज़र जाते हैं| गौरव को खाने पीने तक का होश नहीं रहता| दरअसल वह अनाथ था और उसके जीवन में, जल परी का बहुत महत्व था, इसलिए वह जल परी के याद में टूटने लगता है| एक दिन अचानक, उसकी नज़र मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) पर पड़ती है, जिसे उसने, अपने घर के पीछे छुपाकर रख दिया था| वह जल परी का एहसास करने के लिए, मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर जाकर बैठ जाता है और बंद कर लेता है| अचानक मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर, एक तेज़ रोशनी चमकती है और मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) खुल जाता है| बॉक्स खुलते ही गौरव, जलचर जीव में बदल चुका था| अब गौरव भी, एक जल परी की तरह था, जो पानी और ज़मीन दोनों में रहने में सक्षम हो चुका था| मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) के अंदर ट्रांसफॉर्मेशन गैजेट्स सिस्टम लगे हैं, जिसके प्रभाव से, गौरव ऐसा हो चुका था| गौरव को समुद्र में जाने की जिज्ञासा होने लगती है| वह एक इंसान था, इसलिए वह ज़मीन में चल सकता था| वह भागते हुए कुछ ही घंटों में, समु्द्र पहुँच जाता है और ज़ोर से जलपरी को आवाज़ लगाते हुए, पानी के अंदर छलांग लगा देता है| पानी के अंदर जाते ही, गौरव के पंख निकल आते हैं और वह लहराते हुए, अपनी प्रेमिका को ढूँढने लगता है| उसे अपनी मानसिक तरंगों के द्वारा, जल परी के आस पास होने का आभास हो रहा था, अचानक उसे जल परी, एक पत्थर के ऊपर उदास बैठी दिख जाती है| गौरव उसके सामने जाकर तैरने लगता है| गौरव को देखकर जलपरी ख़ुशी से खिलखिला उठती है| जल परी को देखकर ऐसा लग रहा था, मानो उसे अपना पूरा परिवार मिल गया है| उसे यक़ीन नहीं होता कि, गौरव भी उसी की तरह बन चुका है|

गौरव जलपरी को मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) का रहस्य बता देता है और दोनों बाहों में बाहें डालकर, समुद्र की गहराइयों में तैरने लगते हैं और मिस्ट्री बॉक्स (Mystery box) की कहानी ख़त्म होते ही, दोनों की प्रेम कहानी शुरू हो जाती है|
Click for जादुई कहानी