मरमेड स्टोरी इन हिंदी : दोस्तों वेसे तो जलपरी का कोई अस्तित्व नहीं है लेकिन फिर भी कुछ रिसर्च Jalpariyo ki kahaniya बताते हैं | यह भी उन्हीं इवेंट्स से प्रेरित होकर यह कहानी लिखी गई है | मुझे उम्मीद है, आपको यह कहानी पसंद आएगी | एक बार एक लड़का जिसका नाम रोहित था, समुद्र के किनारे बैठकर पानी की लहरों को उछलते हुए देख रहा था। तभी अचानक समुद्र के बीचों-बीच एक खूबसूरत लड़की नज़र आती है और फिर अचानक वापस पानी में चली जाती है। लड़का यह देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है। वह भागते हुए समुंदर के नज़दीक पहुँच कर चारों तरफ़ नज़र घुमा कर, उसे देखने का प्रयास करता है। लेकिन उसे पानी के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता। बहुत देर के बाद वह निराश होकर घर वापस आ जाता है। उसे लगता है, कि यह उनका भ्रम होगा। भला समुंदर के इतने अंदर कोई कैसे तैर सकता है। रोहित के पिता, एक जीव वैज्ञानिक हैं और उसकी माँ एक घरेलू महिला है। सुबह उठने के बाद रोहित की माँ उसे नाश्ता करने के लिए उसके कमरे से बाहर बुलाती है। रोहित अभी भी सो रहा होता है। माँ उसके कमरे में जाती है और उसे उठाते हुए कहती है। “बेटा इतनी देर तक क्यों सो रहे हो। रोज़ तो तुम जल्दी उठ जाते हो”। रोहित आँख मलते हुए जवाब देता है। “माँ मैं रात भर सो नहीं पाया”। माँ ने बेटे से पूछा। “क्यों बेटा क्या हुआ। कोई परेशानी है क्या” ? रोहित ने समुंदर वाली बात माँ को बता दी। लेकिन माँ ने अपने बेटे की बात को नज़रअंदाज़ कर दिया। उसे भी लगा, कि यह उसके बेटे का भ्रम होगा। नाश्ते के बाद रोहित तैयार होकर समुद्र के किनारे पहुँच जाता है। उसे पूरी उम्मीद होती है, कि आज भी उसे वह लड़की दिखेगी और होता भी कुछ ऐसा ही है। अचानक समुंदर के बीच में से दोबारा उसे वही लड़की नज़र आती है और रोहित के चेहरे में ख़ुशी झलकने लगती है। वह भागते भागते समुंदर के नज़दीक पहुँच जाता है |
रोहित ज़ोर से आवाज़ लगाता है। “कौन हो तुम। क्या नाम है तुम्हारा” ? लेकिन वह कोई जबाब नहीं देती और समुद्र के अंदर चली जाती है। रोहित उसके इंतज़ार में शाम तक बैठा रहता है। कई घंटों इंतज़ार के बाद रोहित हताश होकर अपने घर वापस जाने लगता है। तभी शांत समुंदर में एक बड़ी सी लहर दिखाई देती है और तभी वह लड़की रोहित की तरफ़ एक मोती फेंकती है और रोहित जैसे ही उस मोती को उठाता है मानो उसे उस लड़की के बारे में सारी बातें पता चल जाती है। रोहित को ऐसा लगता है। जैसे उस लड़की से उसका कई वर्षों का रिश्ता है। उस मोती की वजह से रोहित उस लड़की के दिमाग़ में चल रही बातों को भी महसूस करने लगा। रोहित शाम होने के बाद घर आ गया। लेकिन उसका मन समुंदर के किनारे ही लगा था। दूसरे दिन सुबह उठते ही रोहित समुद्र जाने को तैयार हो गया। उसकी माँ ने उसे नाश्ता करने को कहा। लेकिन काम की जल्दी बताकर वह घर से निकल गया। रोहित को उस लड़की के दिमाग़ के संकेत समझ में आने लगे थे। उसे एहसास हो रहा था, कि वह लड़की उसे बुला रही है और रोहित समुद्र के किनारे पर पहुँचते ही ज़ोर से चिल्लाने लगता है। “मैं आ गया। कहाँ हो तुम” ? लेकिन समुद्र मैं कोई नज़र नहीं आता है। सुबह से शाम हो जाती है, लेकिन आज रोहित को वह लड़की नज़र नहीं आती। रोहित उदास मन से अपने घर पहुँचता है। तभी उसके पापा अपनी अनुसंधान केंद्र प्रयोगशाला जा रहे होते हैं। वह अपने पापा को बाय कहता है और अपनी माँ से जाकर पूछता है। “आज पापा इतनी रात को अनुसंधान केंद्र क्यों जा रहे हैं”?
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लेकिन इतनी उच्च सुरक्षा के बीच में से जल परी को आज़ाद करना नामुमकिन है। रोहित का एक दोस्त इंटरनेट हैकर होता है। जिसकी मदद से रोहित साइंस वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र प्रयोगशाला का कंप्यूटर एक्सेस करवा लेता है। जिससे उसे पता चलता है, कि जल परी को अगले ही दिन दूसरे राज्य भेजा जाएगा और साथ ही रोहित यातायात का नक़्शा भी देख लेता है। वह अपने दोस्त के साथ उस जल परी को आज़ाद करने की योजना बनाता है। जिसके लिए वह एक ट्रक ड्राइवर और एक गोताखोर की मदद भी लेता है। योजना के अनुसार रोहित अपनी टीम के साथ दूसरे दिन ओवरब्रिज के पास इन्तज़ार करता है। जैसे ही अनुसंधान केंद्र की गाड़ी जलपरी को लेकर समुद्र के ऊपर से गुज़र रही होती है। रोहित ट्रक ड्राइवर को इशारा करता है और वह जलपरी ले जाने वाली गाड़ी को धक्का मार के पुल से नीचे गिरा देता है |image by google.com
और जैसे ही ट्रक समुद्र की गहराइयों में जाता है। वह गोताखोर ट्रक के गेट को ऑटोमैटिक कटर से खोल देता है। गेट खुलते ही कांच का एक्वेरियम पानी में तैरते हुए नीचे जाने लगता है और जैसे ही एक चट्टान से टकराता है और चारों तरफ़ कांच के टुकड़े, पानी में बिखर जाते हैं। इसी बीच ख़ूबसूरत जलपरी दिखाई देने लगती है। गोताखोर अपना काम होने पर समुद्र के किनारे पहुंचकर रोहित को सब कुछ बता देता है। जल परी के आज़ाद होने की बात सुनकर रोहित समुंदर के किनारे उछलने लगता है तभी वहां रिसर्च सेंटर के सुरक्षा अधिकारी आ जाते है और उसे गिरफ़्तार कर लिया जाता है।